Monday, 18 May 2020

हैपी मदर्स डे ।


मां तेरे लिए शब्दों के गीत पिरोना मुश्किल है
तेरा मेरा नाता ममता के आंचल जैसा तो है नहीं
हमारा तो तकरार का, नोकझोंक का है नाता
तू वैसी मां तो नहीं जो लाड़-प्यार कर दुनिया से मुझे छिपाती है
तू तो मुझे दिलेरी से दुनिया का सामना करना है सिखाती
ऐसा नहीं है कि फिक्र नहीं है तुझे मेरी
तू तो आगे बढ़कर साथ चलकर मुझे आगे बढ़ाती है।

जीवन के पथ पर तूने धरे है कई रूप
अपने पिता के घर में मुखिया की निभाई भूमिका
हर छोटे-बड़े फैसले लेकर चली कर्तव्य पथ पर
ससुराल में अपनी सूझ-बूझ से जीता सबका मन।

कभी बुरी बनी, कभी झेली उलाहना
पर डटी रही अपने उसूलों पर।

छोटे गांव में खिलखिलाकर हंसती
मुस्कुराती
बेफ्रिक चंचल सी मंडराती
तू फिर चली अपने पिया संग शहर।



गांव- शहर के सामन्ज्य को जैसे तूने अपने जीवन है पिरोया
हैरान हूं मां मैं तेरी इस उड़ान से।
घर-परिवार को बिना रूके, बिना थके संभालती है
फिर भी खुद की अलग पहचान बनना नहीं भूलती
तो फिर बता मां कैसे पिरोऊं तेरी लिए नया गीत।।

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