वाह रे! सत्ता का डंका बजाने वाले
क्या चौसर बिछाया है,
राष्ट्रवाद, देशभक्ति और देशप्रेम
के नाम पर अच्छा चक्रव्यू बनाया है,
विकास और उत्थान के नाम पर
हज़ारों का नहीं करोड़ों का मज़ाक उड़ाया है
‘बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ’ का नारा देकर
बेटी की इज्जत, आबरू को सोशल मीडिया पर नीलाम कराया
अभिव्यक्ति की आज़ादी छीनकर
पत्थर, लाठी और खून का पाठ पढ़ाया
वाह रे! सत्ता का डंका बजाने वाले
क्या चौसर बिछाया है
शब्दों और आश्वासनों का मायाजाल बुनने वाले
नफरत की राजनीति करके तुने क्या पाया है ?
क्या चौसर बिछाया है,
राष्ट्रवाद, देशभक्ति और देशप्रेम
के नाम पर अच्छा चक्रव्यू बनाया है,
विकास और उत्थान के नाम पर
हज़ारों का नहीं करोड़ों का मज़ाक उड़ाया है
‘बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ’ का नारा देकर
बेटी की इज्जत, आबरू को सोशल मीडिया पर नीलाम कराया
अभिव्यक्ति की आज़ादी छीनकर
पत्थर, लाठी और खून का पाठ पढ़ाया
वाह रे! सत्ता का डंका बजाने वाले
क्या चौसर बिछाया है
शब्दों और आश्वासनों का मायाजाल बुनने वाले
नफरत की राजनीति करके तुने क्या पाया है ?
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